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Saturday, February 8, 2020

take risk take enjoy || रिस्क लो मजे करो

रिस्क लो मजे करो

आज जिस विषय पर मै लिखूंगा वो विषय ऊपर दिए विषय पर आधारित हैं. अर्थात रिस्क लो मजे करो. अब रिस्क किस दिशा में ली जा  रही हैं वो महत्वपूर्ण हैं. अगर रिस्क सकारात्मक व् मानवता के विकास के लिए उत्तम हैं या मतलबी,गलत दिशा की तरफ हैं सफल तो दोनों होगी लेकिन सकारत्मक सफलता और रिस्क किसी विशेष उदेश्य व् मानवता के कल्याण में कार्य करेगी. नकारत्मक सिर्फ और सिर्फ दिखावा और मानवता के खिलाफ होगी.

   अगर मेरीकॉम ने सकारत्मक रिस्क लिया तो अपने स्वयं के जीवन केसाथ साथ भारत का नाम रोशन किया। मेरीकॉम ने जब रिस्क लेने की ठानी तब सकारात्मक दिशा में रिस्क लिया। जबकि दाऊद इब्राहिम ने धमाकों के साथ ज रिस्क व् एन्जॉय की दिशा तय की वो नकारात्मक दिशा की सोच का परिणाम हैं.
कल आप कैसे और किस दिशा में जायेंगे उसका समय वर्तमान और अभी इसी क्षण जो किया जा रहा हैं वही आपकी रिस्क और वही आपका भविष्य होगा.

आज मिल्खा सिंह को दुनिया जानती हैं. लेकिन उनके साथ कितने फौजी थे कौन थे क्या नाम थे क्या पद थे कोई नहीं जनता कारन एक ही हैं. बाकि के फौजी जीवन के एक स्तर तक ही सोच पाए जबकि मिल्खा सिंह ने दूसरे पायदान  सोचा की दूध ज्यादा कैसे मिल सकता हैं. मन में आये इस प्रश्न का उत्तर था कज्ब सामने दूध के काउंटर पर बैठे फौजी ने कहा अगर दूध जायदा चाहिए तो खिलाडी बन. अब आगे की रिस्क तो उसको लेनी थी. जो अन्यो से एक्स्ट्रा और अलग व् ज्यादा के लिए ज्यादा मेहनत करेगा तभी तो उसकोज्यादा मिलेगा। उसी समय तय की गयी रिस्क और सोच का परिणाम मिल्खा सिंह हैं.
  जबकि बाकि फौजी अपने उसी स्तर से खुश थे. बाकि के फौजी रिस्क उतनी ही ले पाए तो उतना ही मिला। जो जितनी रिस्क ले सकता हैं दुनिया में झंडा उसी का लहराता हैं.
मै अन्य महापुरुषों की कही बातो की न्यूज़ और लाइफ मैनेजमेंट कटिंग भी ब्लॉग में डालूंगा जिसको आप पढ़ सकते हो. इससे आपको पता चलेगा की रिस्क लेने और दुसरो से आगे निकलने का तरीका क्या था क्या होसकता हैं क्या होगा. सबसे पहले और सबसे बड़ी सफलता की कड़ी एक ही होगी इसको चेक कर  लेना। जिसका जैसा लक्ष्य वैसी मेहनत आपको करनी पड़ेगी।
सफलता रातो रात और जरुरी नहीं की मिलेगी। लेकिन सतत्त  किया जा रहा प्रयास ही वो कड़ी और टॉनिक हैं जो सफलता की गारंटी देता हैं. हजारो लाखो लोगो ने सफलता के झंडे इस दुनिया  में गाड़े हैं लेकिन इसके लिए वो कितने बेइज्जत और कितने दुखो से गुजरे होंगे वो तो वक्त ही जनता है  या उन महान लोगो की आत्मा ही जानती हैं.
आज जो सफल हैं उसको कभी पास बैठ कर उसको टटोलो उसके अंदर की आवाज आपको सबकुछ बया कर देगी। कितना संघर्ष उस व्यक्ति में हैं वो आपके  जायेगा. अक्सर लोग कहते हैं की फलाना आदमी तो सफल हो गया हैं. लेकिन उसकी सफलता के पीछे लगी अथक मेहनत और संघर्ष की कहानी बिरले ही जानते हैं.
 इसलिए दोसो लाइफ मैनेजमेंट में आपको अन्यो से आगे सोचना होगा। आप कैसे जीवन में आगे बढ़ेंगे इसके लिए आपको  उस दिशा के  संघर्ष से रूबरू होना हॉग. 

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